Samvidhan Divas Speech In Hindi | संविधान दिवस पर भाषण

 

Samvidhan Divas Speech In Hindi

Samvidhan Divas Speech In Hindi: 26 नवंबर को पूरे देश में संविधान दिवस Constitution day speech in Hindi मनाया जाता है। इस दिन स्कूल, कॉलेजों तथा कार्यालयों में भाषण दी जाती है। पूरी दुनिया के तमाम संविधानों को अगर ध्यान से देखें तो बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान (Constitution Day Special) को तैयार किया था जिसे 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान के सामने लाया गया था। ठीक इसी दिन संविधान सभा (Samvidhan diwas par nibandh in Hindi) ने इसे अपना भी लिया था बस इसलिए देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। 


Constitution Day Speech In Hindi: भारतीय संविधान (samvidhan divas speech in hindi) को मनाने कि यह 71वीं सालगिरह है। इस दिन पूरे देश में हर जगह अलग-अलग कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। स्कूल, कॉलेज और कई यूनिवर्सिटीज में भी इस दिन को धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सारे छात्र संविधान दिवस (Constitution Day Special) पर अपना भाषण भी देते हैं। तो चलिए इस पोस्ट में जानते हैं कि आप कैसे अपने स्कूल, कॉलेज के लिए शानदार भाषण तैयार कर सकते हैं। 

संविधान सभा क्या है? What Is Samvidhan Sabha? 

What Is Samvidhan Sabha: 9 दिसंबर 1946 को नई दिल्ली में संविधान सभा की पहली बैठक हुई थी। इसे नई दिल्ली में कंस्टिट्यूशन हॉल में किया गया था जिसको संसद भवन के केंद्रीय कक्ष के रूप में भी जाना जाता है। सभा कक्ष इस अवसर पर सुरुचिपूर्ण ढंग से सजाया जाता है जिससे वह बहुत अलग ही नजर आता है उसकी ऊंची छत और उसकी दीवारों पर लाइट्स तथा लैंप लगाए जाते हैं। उस दिन वहां एक पुंज विद्यमान थे जो की अभिभूत और खुश होकर अर्ध-गोलाकार पंक्तियों में माननीय सदस्य राष्ट्रपति के आसन की ओर अपना मुख कर बैठे थे।


जब संविधान (Constitution Day Speech In Hindi) की शुरुआत होती उसे समय की बात करें तो विद्युत से गर्म किया जा सकने वाले डेस्कों को हरे-कालीन युक्त ढलान वाले टेरसों पर रखा गया था। आप सभी को सबसे पहले यह जानना होगा की संविधान (Samvidhan divas) क्या है और इसे लिखा किसने है? तथा यह कैसे लिखा गया है? इससे जुड़े कुछ ऐसे ही इतिहास का भी आप अपने शब्दों में भाषण के रूप में बोल सकते हैं। संविधान (Constitution Day Speech for students) बनाने के लिए कई लोग जुड़े थे। संविधान बनाने के लिए जिन लोगों की अहम भूमिका रही है उसके बारे में इस पोस्ट में आगे बताया गया है।


संविधान (Samvidhan diwas par nibandh in Hindi) को सुशोभित करने के लिए कई महान लोग उपस्थित थे जिनमें से कुछ लोग हैं पंडित जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, आचार्य जे.बी. कृपलानी, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, श्रीमती सरोजनी नायडू, पंडित गोविंद बल्लभ पंत, श्री हरे-कृष्ण महताब, डॉ.बी.आर.अम्बेडकर, श्री सी. राजगोपालाचारी, श्री शरत चंद्र बोस शामिल थेI वहाँ महिलाओं के साथ दो सौ सात प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। 

संविधान दिवस पर भाषण: Samvidhan Divas Speech In Hindi 

Constitution Day Speech for students: संविधान सभा 11 बजे उद्घाटन सत्र पूर्वाहन आचार्य कृपलानी द्वारा अस्थायी सभापति डॉ सच्चिदानंद सिन्हा के द्वारा शुरु हुआ था। डॉक्टर सिन्हा और दूसरे वहाँ मौजूद लोगों का स्वागत करते हुए आचार्य जी ने कहा था कि हम अपने काम को माता रानी के आशीर्वाद से शुरू करते हैं और हम डॉक्टर सिन्हा के आशीर्वाद का आह्नान करते हुए यह अनुरोध करते हैं कि हमारा काम सही रूप से आगे बढ़ाया जाए। मैं एक बार फिर से डॉ. सिन्हा को यहां आमंत्रित करता हूं। 


अभिनंदन के बाद डॉ. सिन्हा ने कई देशों से प्राप्त सद्भावना संदेशों को पढ़ा। सभापति के उद्घाटन भाषण और उपसभापति के नामनिर्देशन के बाद सदस्यों से औपचारिक रूप से अपने परिचय पत्र को प्रस्तुत कर-कर अनुरोध किया। वहां उपस्थित सभी 207 सदस्यों ने अपना परिचय दिया और पंजिका पर हस्ताक्षर किया और उसी के बाद पहले दिन की कार्रवाई समाप्त है गई। वहां दिल्ली आकाशवाणी केंद्र ने पूरी कार्यवाही को साउंड पिक्चरपर प्रसारण किया। 

संविधान सभा के बारे में कुछ तथ्य: Constitution Day Special Facts

संविधान सभा (Samvidhan divas kab manaya jata hai) को स्वतंत्रत भारत बनाने के लिए हो गई लड़ाई संविधान का प्रारूप तैयार करना पड़ा। उन्हें अपने ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में 3 वर्ष 11 महीने तथा 17 दिन  लगे थे। इन समय के दौरान इसने कुल 165 दिनों के समय में 11 सत्र तैयार किए इनमें से 114 दिन संविधान (Samvidhan Divas) के रूप में विचार किए गए। 


इसकी संरचना के संबंध में कैबिनेट मिशन के द्वारा, अनुशंसित योजना के अनुसार, प्रांतीय विधान सभाओं के सदस्यों द्वारा तथा अप्रत्यक्ष निर्वाचन के सदस्यों के द्वारा चुना गया था। व्यवस्था नियमित की गई थीः


  • 93 सदस्यों ने भारतीय रियासतों का प्रतिनिधित्व किया था। 

  • 4 सदस्यों ने मुख्य आयुक्तों के प्रांतों का प्रतिनिधित्व किया था। 

  • प्रांतीय विधान सभाओं के द्वारा 292 सदस्य निर्वाचित किए गए थे। 


इसी प्रकार से संविधान सभा (Samvidhan Divas Speech In Hindi Pdf) के पूरे सदस्य की संख्या 389 होनी थी। साथ ही साथ 3 जून 1947 की माउंटबेटन योजना के जरिए विभाजन के परिणामस्वरुप पाकिस्तान के लिए अलग संविधान सभा की स्थापना की गई थी। वैसे कुछ प्रति के प्रतिनिधि सभा के सदस्य नहीं रहे थे इसी वजह से संविधान सभा के सदस्य घटकर 299 हो गए। 

संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है: Samvidhan Divas Speech In Hindi

हम सभी जानते हैं कि संविधान दिवस (Constitution Day Speech for students) हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसकी वजह यही है कि 26 नवंबर 1949 में भारतीय संविधान सभा (Samvidhan Divas in Hindi) की तरफ से संविधान को शुरू किया गया था। संविधान दिवस मनाने की परंपरा की शुरुआत साल 2015 से हुई थी। 


आप सोच रहे होंगे की संविधान सभा (Samvidhan divas kab manaya jata hai) की सुरुआत 26 नवंबर 1949 को ही हो गई थी फिर इसे मनाने में इतना वक्त क्यों लगा? असल में संविधान सभा को लागू करने में कुछ महीने का समय लगा था। पूरे देश में 26 जनवरी 1950 को संविधान पूरी तरीके से लागू हो गया था यही वजह है कि गणतंत्र दिवस (Republic Day) को इस दिन के रूप में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।

संविधान का महत्व: Constitution Day Special 

किसी समाज, राष्ट्र या समुदाय के जीवन में संविधान का क्या महत्व (Samvidhan diwas par nibandh in Hindi) होता है? यह कैसे इंसान को सभ्य और संगठित तरीके से रहना सीखाता है। संविधान या लिखित कानून न होने की स्थिति में देश को किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है तथा संविधान (Samvidhan Divas) की गरिमा को कैसे बनाए रखा जा सकता है। 


इस दिन भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए संविधान दिवस को मनाया जाता है। भारत का संविधान कई सिद्धांतों को समेट कर रखता है इसी के आधार पर देश की सरकार और नागरिकों के लिए मौलिक, राजनीतिक सिद्धांत, प्रक्रियाएं, अधिकार, कानून, दिशा-निर्देश इत्यादि तय किए गए थे। 

संविधान दिवस पर भाषण: Samvidhan Diwas Par Nibandh In Hindi

(Samvidhan divas speech in hindi) आपको अगर भाषण देने में परेशानी हो रही है तो इसका सही तरीका यही है कि आप एक जगह पर महत्वपूर्ण चीज़ लिखकर रख ले इससे यह आसानी से याद हो जाएगी। कई लोग तो ऐसे होते हैं जो भाषण को रटकर बोलने की कोशिश करते हैं जो की बिल्कुल गलत है इससे आप भाषण देते हुए समय भाषण को भूल भी सकते हैं या फिर काफी ज्यादा नर्वस हो सकते हैं। हमेशा ध्यान रखें कि आपका मकसद सिर्फ अपनी बात को लोगों तक पहुंचना है ना कि सिर्फ अपनी बात को रटना। 


सही तरीका यही है कि आप अपनी बातचीत को उनसे कहे ना कि उनको याद की गई बातें सुनाए। आप अगर चाहते हैं आपकी भाषण (Samvidhan Sabha Speech in Hindi pdf) पर लोगरूचि दिखाएं तो आप उसमें मुहावरे या फिर छोटे-छोटे किस्सों को भी जोड़कर उन्हें बताएं साथ ही साथ आप उसमें अच्छी शायरियां तथा कविताएं भी जोड़ सकते हैं। भारत में संविधान दिवस को राष्ट्रीय संविदा दिवस या फिर राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। यह भारत के संविधान को अपनाने के लिए हर साल 26 नवंबर को ही मनाया जाता है। 


इसका मकसद संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर के प्रयासों को देशभर में बताना है। 26 नवंबर 1949को भारत के संविधान सभा (Constitution Day Speech In Hindi) ने भारत के संविधान को पूरे तरीके से अपनाया था। आप सभी को पता है कि 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ था। पहले वर्ष 1949 में भीमराव अंबेडकर ने भाषण देते हुए कहा कि “नागरिक अवज्ञा, सहयोग और सत्याग्रह के तरीकों को छोड़ना चाहिए।” भारत सरकार के द्वारा 19 नवंबर 2015 को संविधान दिवस (Samvidhan Divas in Hindi) के रूप में घोषित कर दिया गया था। 


2015 में मुंबई में बी. आर. अंबेडकर की स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी मेमोरियल की स्थापना करने की घोषणा हुई। 2015 में अंबेडकर की 125वीं जयंती भी मनाई गई। असल में संविधान निर्माता को एक व्यापक संविधान को बढ़ाने के लिए लगभग 2 साल का समय लगा था जो हमारे देश के विकास को बढ़ाने में मदद करेगा। 1947 में आजादी मिलने के तुरंत बाद ही देश भर में शासन चलाने के लिए सुदृढ़ संविधान की कमी महसूस होने लगी तब बाबा भीमराव अंबेडकर साहब ने संविधान सभा (mpa.gov.in/constitution-day) का गठन किया और फिर 2 साल 11 महीने और 17 दिन में देश का संविधान तैयार हो गया। 

संविधान को लेकर कब क्या-क्या हुआ? Samvidhan Divas Kab Manaya Jata Hai?

  • 01 विधेयक लोकसभा ने अमान्य कर दिया। 

  • 2019 में अंतिम 103वां संशोधन पारित हुआ। 

  • 103 संशोधन किए गए 70 साल में संविधान में। 

  • 03 विधेयकों को राज्यसभा ने अमान्य कर दिया ।

  • 26 नवंबर 1949 को संविधान आरंम्भ किया गया था। 

  • 99वें संविधान संशोधन को असंवैधानिक करार दिया है।

  • 107 संविधान संशोधन विधेयक राज्यसभा ने पारित किए। 

  • 26 नवंबर 2019 को देश में 22वां संविधान दिवस (mpa.gov.in/constitution-day) मनाएगा।

  • 1951 में पहला संशोधन अस्थायी संसद ने पारित किया था। 

  • 106 संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा ने पारित किए हैं। 

  • 11 अक्टूबर 2015 को 26 नवंबर राष्ट्रीय संविधान दिवस (mpa gov in constitution day) के रूप में घोषित किया गया था।

संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री का संबोधन : Constitution Day Speech In Hindi 

(Constitution Day Speech for students) संविधान दिवस पर भारत के मुख्य न्यायधीश जस्टिस डी. वाई चंद्रचूड़ जी, जस्टिस श्री संजय किशन कौल जी, केंद्रीय कानून मंत्री श्री किरण जी, कानून राज्यमंत्री श्री एस.पी सिंह बघेल जी, जस्टिस श्री एस अब्दुल नज़ीर जी, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट श्री विकास सिंह जी, एटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि जी तथा सभी उपस्थित न्यायाधीशगण, सम्मानित अतिथिगण, देवियों और सज्जनों को नमस्कार! आप सबको और आप सभी देशवासियों को संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं! 


1949 में वह आज का ही दिन था जब स्वतंत्र भारत ने अपने लिए एक नया भविष्य बनाने की शुरुआत की थी। हमारा संविधान दिवस इसलिए भी जरूरी है क्योंकि भारत ने अपनी आजादी के 77 वर्ष पूरे किए हैं यही कारण है कि हमारे देश भारत में सभी अमृत महोत्सव (Aazadi Ka Amrit Mahotsav) मना रहे हैं। आधुनिक भारत का सपना देखने वाले हमारे बाबा साहेब आंबेडकर के समेत संविधान सभा के सभी सदस्यों को तथा यहाँ मौजूद सभी संविधान निर्माताओं को आदरपूर्वक नमन करता हूँ। 


संविधान की विकास और विस्तार यात्रा के बीते सात दशकों में executive, judiciary और legislature के अनेक लोगों का भी योगदान रहा है। मैं इस दिवस पर देश के तरफ से सारे देशवालों के तरफ कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ। आज मुंबई आतंकी हमले 26/11 का दिन भी है जो कि 14 साल पहले जब भारत अपने संविधान (Samvidhan Divas) और अपने नागरिकों के अधिकारों का त्यौहार मना रहा था उसी दिन हमारे देश के दुश्मनों ने भारत को बर्बाद करने के लिए सबसे बड़ा आतंकवादी हमला किया था। 


मुंबई आतंकवादी हमले में लाखों देशवासीकी मृत्यु हुई थी जिनको मैं अपनी तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आज की वैश्विक परिस्थितियों में सारे देश की नजर सिर्फ भारत पर टिकी हुई है। भारत के बढ़ते विकास भारत की बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था और भारत की मजबूत अंतरराष्ट्रीय छवि हमारे दुनिया में भारत को बहुत सारी उम्मीदें दे रही है। भारत एक ऐशा देश था जिसके लिए आशंका जताई जाती थी कि वो बिखर जाएगा पर आज हमारा देश पूरे सामर्थ्य से अपनी सारी विविधताओं पर गर्व कर रहा है और हमारा देश आगे बढ़ रहा है। 

 

हमारे देश पर गर्व करने के पीछे हमारी सबसे बड़ी ताकर हमारा संविधान सभा है। हमारे संविधान सभा के preamble के आरम्भ में ‘We the people’ लिखा हुआ है जो कि सिर्फ तीन शब्द नहीं है बल्कि ‘We the people’ एक आह्वान है, देश की प्रतिज्ञा है और एक विश्वास है। संविधान सभा में लिखी भावना हमारे भारत की मूल भावना है जो कि हमारे देश के लोकतंत्र की जननी रहा है और Mother of Democracy रहा है। यह भावना देश में हर तरफ देखने को मिलती है चाहे वह वैशाली के गणराज्य में हो या फिर वेद की ऋचाओं में हो। 


अगर आप सबको पता हो तो महाभारत में भी कहा गया है- 


लोक-रंजनम् एव अत्र, राज्ञां धर्मः सनातनः।

सत्यस्य रक्षणं चैव, व्यवहारस्य चार्जवम्॥


यानी की हमारे लोक में नागरिकों को सुखी रखना, सच्चाई के साथ खडा होना और अच्छे व्यवहार तथा राज्य का भी अच्छा व्यवहार होना काफी जरूरी है। भारत के संविधान ने देश के आधुनिक संदर्भ में सांस्कृतिक और नैतिक भावनाओं को समाहित किया हुआ है। मुझे खुशी है कि आज हमारा देश Mother Of Democracy के रूप मेंप्राचीन आदर्श को और संविधान सभा की भावना को मजबूत बना रहा है। Pro-people policies के वजह से आज हमारा देश और देश के गरीब माता बहनों का सशक्तिकरण हो रहा है। 


हमारे देश में सामान्य मानवी के लिए आज कानून को और भी ज्यादा आसान बनाया जा रहा है। Timely justice के लिए हमारी judiciary बहुत ही सार्थक कदम उठा रही है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आरंम्भ हुए e-initiatives की सेवा का मौका हमें हर साल मिल रहा है। मैंने इस बार 15 अगस्त को लाल किले से कि गई कर्तव्यों का बल दिया था। हमारी संविधान सभा (Constitution Day Speech In Hindi) की भावना काफी महत्वपूर्ण है। महात्मा गांधी का कहना था कि हमारा अधिकार हमारे कर्तव्य हैं, जिनको हम सच्ची इच्छा तथा सच्चे मन से पूरा करते हैं। 


आज के अमृतकाल में जब हम आजादी के 77 वर्ष पूरे कर चुके हैं तो अगले 25 वर्षों की हमारी यात्रा शुरू हो गई है जिसकी वजह से हमारे संविधान सभा का यह मंत्र देश के लिए एक संकल्प बना हुआ है। असल में आजादी का यह अमृतकाल देश के लिए हमारा कर्तव्यकाल है। चाहे इंसान हों या संस्था हमारा दायित्व ही हमारी पहली प्राथमिकता हैं। अपने कर्मों के रास्ते पर चलकर ही हम अपने देश के विकास को नई ऊँचाई पर पहुँचा सकते है। आज हमारे भारत के सामने हमेशा नए अवसर बन रहें हैं भारत हमेशा नई चुनौती को पार करके आगे जा रहा है। 


हमारा मकसद बस यही होनी चाहिए की टीम इंडिया के रूप में हम पूरे दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा को बढाएं, भारतवासियों का योगदान ही विश्व को नए रास्ते पर लेकर जाएगा जो कि हमारा सामूहिक दायित्व होना चाहिए। भारत की पहचान जो कि Mother of Democracy के तौर पर है उसे पहचानना ही उसे सशक्त करना है। हमारे संविधान की सबसे खास विशेषता यह है कि हमारा युवा भारत में और भी प्रासंगिक हो गई है। हमारे संविधान (mpa gov in constitution day) निर्माताओं ने हमें ऐसा संविधान दिया है जो हमें काफी गर्व महसूस करवाता है और देश को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। 


हमें भारत स्पोर्ट्स की बात करें या स्टार्टअप्स की या फिर इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी की या डिजिटल पेमेंट्स की भारत हर विकास में अपना परचम लहरा रही है। भविष्य की जिम्मेदारी हमारे युवाओं के कंधे पर है चाहे वह संविधान हो या संस्था हमारे संविधान और संस्थाओं के भविष्य की जिम्मेदारी भी हमारे इन युवाओं के कंधों पर ही है। 


यही वजह है कि आज के महान संविधान दिवस (Samvidhan Divas in Hindi) पर मैं सरकार की व्यवस्था से देश की न्यायपालिका से आग्रह भी करूँगा कि वो हमारी युवाओं में संविधान की समझ को भी बढ़ाएं। यह काफी जरूरी है कि संवैधानिक विषयों पर हो रही बात-चीत और बहस का हिस्सा बनें। जब हमारा संविधान बना था तब हमारे देश की परिस्थितियां क्या थीं? संविधान सभा की बहसों में क्या हुआ था? इन सारी चीजों की जानकारी हमारे युवा को होनी ही चाहिए। 


अगर आपको पता हो तो हमारे संविधान सभा (Constitution Day Special) में 15 महिलाएं सदस्य थी और उनमें से एक ‘दक्शायिनी वेलायुधन’ महिला थी जो कि एक प्रकार से समाज को लेकर वंचित थी और वहां तक पहुंची थी। उन्होंने दलितों और मजदूरों से जुड़े बहुत सारे विषयों पर महत्वपूर्ण बातचीत की तथा दुर्गाबाई देशमुख, हंसा मेहता, राजकुमारी, अमृत कौर जैसी बहुत महिला सदस्यों को भी इन विषयों पर शामिल किया। 


हमारे देश के युवा इन सारे महान लोगों को जानेंगे जिनके बारे में उन्होंने न कभी सुना हो तो इन्हें संविधान (Samvidhan Divas) को लेकर हमारे देश को लेकर हो रहे सवालों के जवाब भी मिलेंगे। इसकी वजह से संविधान के लिए युवाओं के बीच निष्ठा पैदा होगी वह हमारे लोकतंत्र को तथा हमारे संविधान को, देश के भविष्य को एक नई मजबूती देने में मदद करेंगे। आजादी के अमृत काल में यह काफी जरूरी है तथा हमारे देश की एक अहम जरूरत भी है। मुझे बहुत आशा है कि संविधान दिवस (Samvidhan Divas Speech In Hindi) इस दिशा में हमारे संकल्प को युवाओं के बीच लाकर इन्हें पूरा करने में मदद करेगी। धन्यवाद।


 

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